मुहब्बत है मुहब्बत है मुझे तुमसे मुहब्बत है।
जरुरत है जरुरत है मुझे तेरी जरुरत है |
है गोरा रंग तेरा काली आँखें सुर्ख लब तेरे,
कि चाहत है हाँ चाहत है मुझे इनकी ही चाहत है।
तुम इतनी खूबसूरत हो कि हर तारीफ़ कम होगी,
कयामत है कयामत है हुश्न तेरा कयामत है ।
खुदाई इश्क है तेरा और तू है खुदा मेरी,
इबादत है इबादत है इश्क मेरा इबादत है।
मुझे भी देख लेते हो कभी तुम अपनी आँखों से,
इनायत है इनायत है तुम्हारी ये इनायत है।
तसव्वुर में तुम्हें लाता हूँ तो मुझको ऐसा लगता है,
जियारत है जियारत है यही तेरी जियारत है।
ये मेरा दिल लो तुम ले लो जैसे चाहो इस से खेलो,
इजाज़त है इजाज़त है तुम्हें इसकी इजाज़त है।
Saturday, May 30, 2009
Thursday, May 14, 2009
सबसे प्यारा है महबूब का गम
शहर से बाहर होने के कारण मैं ४-५ दिन विलम्ब से आप को नई रचना दे रहा हूँ।आशा है आप इस देर को माफ़ करेंगे......
सबसे प्यारा है ये महबूब का ग़म।
सबसे न्यारा है ये महबूब का ग़म।
ग़म की दुनिया का इक चमकता हुआ,
इक सितारा है ये महबूब का ग़म।
जिन्दगी ये वीरान जीने को,
इक सहारा है ये महबूब का ग़म।
और सब ग़म तो भंवर जैसे हैं,
बस किनारा है ये महबूब का ग़म।
और कुछ भी मुझे गंवारा नहीं,
बस गंवारा है ये महबूब का ग़म।
सारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
जो हमारा है ये महबूब का ग़म।
सबसे प्यारा है ये महबूब का ग़म।
सबसे न्यारा है ये महबूब का ग़म।
ग़म की दुनिया का इक चमकता हुआ,
इक सितारा है ये महबूब का ग़म।
जिन्दगी ये वीरान जीने को,
इक सहारा है ये महबूब का ग़म।
और सब ग़म तो भंवर जैसे हैं,
बस किनारा है ये महबूब का ग़म।
और कुछ भी मुझे गंवारा नहीं,
बस गंवारा है ये महबूब का ग़म।
सारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
जो हमारा है ये महबूब का ग़म।
Sunday, May 3, 2009
तू मुझको याद रखना,मेरी बात याद रखना
तू मुझको याद रखना,मेरी बात याद रखना।
गुजरे जो खूबसूरत , लम्हात याद रखना।
बादल बरसने वाले ,आँखों में जब भी छाए;
मेरे साथ भींगने की,बरसात याद रखना।
तुमसे जुदा हो जाऊं,मैं कब ये चाहता था;
काबू में नहीं होते ,हालात याद रखना।
ग़मगीन तुम न होना,कभी इन जुदाइयों से;
मैं हूँ तुम्हारे दिल में तेरे साथ याद रखना।
नहीं आ सकूंगा मैं तो,तेरे पास ग़म न करना,
तू अपने मुहब्बत की, सौगात याद रखना।
मेंहदी लगी न तुझको,सेहरा न मैंने बाँधा;
तो क्या हुआ यादों की,बारात याद रखना।
गुजरे जो खूबसूरत , लम्हात याद रखना।
बादल बरसने वाले ,आँखों में जब भी छाए;
मेरे साथ भींगने की,बरसात याद रखना।
तुमसे जुदा हो जाऊं,मैं कब ये चाहता था;
काबू में नहीं होते ,हालात याद रखना।
ग़मगीन तुम न होना,कभी इन जुदाइयों से;
मैं हूँ तुम्हारे दिल में तेरे साथ याद रखना।
नहीं आ सकूंगा मैं तो,तेरे पास ग़म न करना,
तू अपने मुहब्बत की, सौगात याद रखना।
मेंहदी लगी न तुझको,सेहरा न मैंने बाँधा;
तो क्या हुआ यादों की,बारात याद रखना।
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