Thursday, September 3, 2009

‘‘मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी''

अब मैनें अपने सभी निजी ब्लागों जैसे ‘मेरी ग़ज़ल’,‘मेरे गीत’ और ‘रोमांटिक रचनाएं’ को एक ही ब्लाग मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी'' में पिरो दिया है।दरअसल मैं चाहता हूँ कि आप मेरी हर रचना देंखें परन्तु सभी दर्शकगण और पाठक अलग-अलग ब्लाग्स पर सभी रचनाएं नहीं पढ़ पाते थे।सभी अनुसरणकर्ता बन्धुओं और मित्रों से अनुरोध है कि वे मेरे इस ब्लाग मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी'' का एक बार पुनः अनुसरण कर लें;असुविधा के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ।आशा है आप को मेरा ये प्रयोग पसन्द आयेगा।
अब मेरी नई रचनायें ‘‘मेरी ग़ज़लें,मेरे गीत/प्रसन्नवदन चतुर्वेदी'' पर देखें....
भारत के दूसरे विभिन्न रचनाकारों के लिए “बनारस के कवि और शायर” तथा “समकालीन ग़ज़ल“ को भी “फुलवारी”ब्लॉग में समाहित कर दिया है | इसी ब्लॉग में सामाजिक सरोकार, खेल, संगीत, फिल्म से जुड़े लेख भी आप पढ़ सकते हैं | साथ ही मेरी बेटी शाम्भवी के गाये गीत-संगीत का आनंद भी उठा सकते हैं|