शहर से बाहर होने के कारण मैं ४-५ दिन विलम्ब से आप को नई रचना दे रहा हूँ।आशा है आप इस देर को माफ़ करेंगे......
सबसे प्यारा है ये महबूब का ग़म।
सबसे न्यारा है ये महबूब का ग़म।
ग़म की दुनिया का इक चमकता हुआ,
इक सितारा है ये महबूब का ग़म।
जिन्दगी ये वीरान जीने को,
इक सहारा है ये महबूब का ग़म।
और सब ग़म तो भंवर जैसे हैं,
बस किनारा है ये महबूब का ग़म।
और कुछ भी मुझे गंवारा नहीं,
बस गंवारा है ये महबूब का ग़म।
सारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
जो हमारा है ये महबूब का ग़म।
kya baat hai
ReplyDeleteसारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
जो हमारा है महबूब का ग़म।
ye sher khas kar bhaut pasand aaya
aap bahut achha kahte hain
और सब ग़म तो भंवर जैसे हैं,
ReplyDeleteबस किनारा है महबूब का ग़म।
वाह ! वाह !!
इतनी ग़म-ज़दा होते हुए भी
इतनी प्यारी ग़ज़ल कही आपने
बधाई
---मुफलिस---
bahut khuoob....bat se bat hi nikli hai.
ReplyDeleteसारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
ReplyDeleteजो हमारा है महबूब का ग़म।
bahut khub...
सारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
ReplyDeleteजो हमारा है महबूब का ग़म।
bahut khub...
सारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
ReplyDeleteजो हमारा है महबूब का ग़म।
bahut khub...
सारी दुनिया चलो तुम्हारी है,
ReplyDeleteजो हमारा है महबूब का ग़म..jo gam bhi diya usne to liya khushi se...
सबसे प्यारा है महबूब का ग़म।
ReplyDeleteसबसे न्यारा है महबूब का ग़म.....
ho sakta hai ..aap sahi ho ..
aapke comment ke liye dhanywaad...
pata nahi mahbub ka gam..kabhi dekha nahi ..kabhi jana nahi ...
आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ! बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ लिखा है आपने!
ReplyDeleteवाह वाह क्या बात है!बहुत ही उम्दा ग़ज़ल है!
पहली बार आपके ब्लोग को देखा है बहुत खूब्सूरत लिखते हैन आप
ReplyDeleteऔर सब गम तो भंवर जेसे हैं
बस किनारा है मह्बूब क गम
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है बधाई
सबसे प्यारा है महबूब का ग़म।
ReplyDeleteसबसे न्यारा है महबूब का ग़म.....
.......nice gazal,you own a beautiful and effective blog.
thanx a lot for apreciating me on my blog,read u more communicate u more
with regards
Abhinn
ग़म की दुनिया का ये चमकता हुआ,
ReplyDeleteइक सितारा है महबूब का ग़म।
बहुत खूब.....!! आपको महबूब का गम मुबारक......!!
नहाओ तो निखर कर निकलोगे
ReplyDeleteएक फव्वारा है महबूब का गम
Sabhi rachnayen khoobsoorat hain, ye kehnekee zaroorat nahee..lekin,ye un sabme chamktaa sitara hai!
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